आँसू सूख जाएँगी, आत्मा छलनी हो जाएगी, वर्ण और जाति व्यवस्था पर घमंड करने वाले अगर ये किताब पढ़ लें तो। हिंदी दलित साहित्य में ये किताब क्यूँ उपलब्धि है पढ़ने के बाद मालूम हुआ। पहली फ़ुर्सत में इस ज़रूरी किताब को पढ़ डालिए।
■ जूठन (आत्मकथा) ~ ओमप्रकाश वाल्मीकि।
Narendra Valmiki –
आँसू सूख जाएँगी, आत्मा छलनी हो जाएगी, वर्ण और जाति व्यवस्था पर घमंड करने वाले अगर ये किताब पढ़ लें तो। हिंदी दलित साहित्य में ये किताब क्यूँ उपलब्धि है पढ़ने के बाद मालूम हुआ। पहली फ़ुर्सत में इस ज़रूरी किताब को पढ़ डालिए।
■ जूठन (आत्मकथा) ~ ओमप्रकाश वाल्मीकि।